परेशानियां – Life Story In Hindi | Life Changing Story

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अगर आप इस Life Story In Hindi को पूरा पढ़ लेंगे, तो आपकी ज़िन्दगी पूरी तरह से बदल जाएगी। किस तरह एक लड़का अपने परेशनियों से लड़ता है, चलिए पढ़ते हैं।

1. Life Story In Hindi

एक वक्त की बात है, एक लड़का था जो बहुत दिनों से उदास और दुखी रहने लगा था। वो एक दिन किसी कोने में उदास बैठा हुआ था और रो रहा था। उसके पिता ने उसे देखा और उससे पूछा: ” कि बेटा तुम्हें क्या हुआ है? इतने उदास क्यों बैठे हो? ” 

तो उस लड़के ने अपने पिता से कहा: ” की पिताजी मेरी जिंदगी में बहुत सारी प्रॉब्लम शुरू हो गई है! एक प्रॉब्लम खत्म होती है, तो दूसरी शुरू हो जाती है।  और इसी वजह से मेरी मेंटल हेल्थ भी खराब हो रही है।

और मुझे सुसाइड की भी ख्याल आ रहे हैं।  उसके पिता ने उसकी पूरी बात सुनी और उसे अपने घर के किचन में ले गए। पिता ने उसके सामने तीन बड़े बर्तन लिए। एक बर्तन में उन्होंने बहुत सारे आलू डाल दिए। 

potatoes, eggs, and coffee beans
Life Story In Hindi

दूसरे में अंडे और तीसरे बर्तन में उन्होंने कॉफी बींस डाल दिया। और इन तीनों बर्तन के अंदर उन्होंने थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर, उन्हें स्टोर पर गर्म होने के लिए रख दिया। लड़का  यह सब देख रहा था और उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, कि उसके पिता यह सब क्या कर रहे हैं! 

कुछ देर के बाद वो तीनों चीज़ें आलू, अंडे, और कॉफी बींस पानी में बॉईल हो गई। उसके पिता ने उन तीनों कटोरा को स्टोव से नीचे उतारा, अब अपने बेटे से कहा: ” कि अब तुम एक-एक करके इन तीनों चीजों को हाथ लगाओ।

लड़का जब पहले बटन के पास गया, तो उसमें लड़के को आलू दिखे। और जब उसने आलू को छुआ, तो आलू गर्म पानी में बल होने के बाद सॉफ्ट हो गए थे। जब लड़का दूसरे बर्तन के पास गया, तो उसने देखा कि उसे बर्तन में अंडे थे। 

 boiled potatoes, eggs, and coffee beans
Life Story In Hindi

पर जब उसने अंडों के ऊपर की सेल निकला, तो उसने देखा कि अंडे जो है वो अंदर से हार्ड हो गए थे। और जब वह तीसरे बर्तन के पास गया, तो उसने देखा कि उसे तीसरे बर्तन में कॉफी बींस डाली गई थी।  जो पानी के साथ मिल गई थी। 

तीनों बर्तन के अंदर की चीजों में पानी में बॉईल करने से पहले और बॉईल करने के बाद की डिफरेंट को देखकर, लड़के ने अपने पिता की तरफ देखा। उसके पिता ने उसे समझाते हुए कहा: ” कि तुमने अभी अपनी आंखों से देखा, की जब मेने तीनो चीज़ों को पानी में बॉईल किया, तो तीनो ने अलग-अलग रूप ले लिया।

जब मैं पहले बर्तन में आलू को डाला, तो स्ट्रांग और हार्ड थे। लेकिन पानी में बॉईल करने के बाद, वह सॉफ्ट और कमजोर हो गए। ” ” जब मैं दूसरे बर्तन में अंडों को डाला, तो अंदर से लिक्विड फॉर्म में थे। लेकिन पानी में बॉईल करने के बाद, वह अंदर से हार्ड हो गए। “

और जब मैं तीसरे बर्तन में कॉफी बींस को डाला, तो इन दोनों से अलग थे और पानी में बॉईल करने के बाद , वो एक अलग फार्म में चेंज हो गए।  और पानी के साथ मिल गए। ” “अब मुझे तुम बताओ कि तुम इनमें से क्या हो? “

” क्या तुम आलू की तरह हो, जो दिखने में तो स्ट्रांग है, लेकिन प्रॉब्लम आने के बाद वो सॉफ्ट हो गए।  और उसने अपनी ताकत खो  दी। या तुम उन अंडे की तरह हो, जो बाहर से मुलायम और पॉजिटिव थे, लेकिन प्रॉब्लम फेस करने के बाद वह अंदर से हार्ड और फ्रस्ट्रेटेड हो गए। “

यह तुम उन कॉफी बींस की तरह हो, जो सिचुएशन के हिसाब से उस पानी में मिल गए, और उसे कुछ अलग बना दिया। अगर तुम कॉफी बींस की तरह बनोगे, फिर तुम्हारी जिंदगी में कितनी भी खराब सिचुएशन आ जाए, तुम खुद को इंप्रूव करोगे। और उस सिचुएशन को अपने हिसाब से बदल दोगे। और उसे प्रॉब्लम को आसानी से पार कर लोगे।


मोरल – Life Story In Hindi

दोस्तों अगर हम अपनी लाइफ में देखें, तो हम अक्सर करके प्रॉब्लम्स और चैलेंज को फेस करते रहते हैं। एक प्रॉब्लम खत्म होती है तो दूसरी शुरू हो जाती है। लेकिन एहि प्रॉब्लम्स हमें बताती है कि हम कितनी स्ट्रांग है। और किस तरीके से हम उस प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं। 

प्रॉब्लम के टाइम पर हमारा कैसा रूप हमारे सामने आता है। ज्यादातर 3 तरह के रूप, प्रॉब्लम के दौरान हमारे अंदर से देखने को मिलते हैं। पहले आलू की तरह! जो बाहर से दिखने में तो स्ट्रांग होते हैं, लेकिन बाद में वह वीक हो जाते हैं। 

दूसरा अंडे की तरह! जो पॉजिटिव रहकर स्टार्ट तो करते हैं, लेकिन डिफिकल्टी उन्हें हार्ड और फ्रस्ट्रेटेड कर देती है। और तीसरा कॉफी बींस की तरह होता है! जो प्रॉब्लम्स को फेस करता है और उस प्रॉब्लम को अपॉर्चुनिटी समझकर उसके साथ ग्रो और इंप्रूव करता है। 

वह पॉजिटिव तरीके से अपने एनवायरमेंट को ट्रांसफॉर्म करता है और डिफिकल्ट सिचुएशन को वैल्युएबल एक्सपीरियंस में बदल देता है। ठीक इसी तरह हम अपनी लाइफ में पैसों की प्रॉब्लम, रिलेशनशिप की प्रॉब्लम, या फिर हेल्थ इश्यू और दूसरी प्रॉब्लम को फेस करते रहते हैं। 

यह सारी प्रॉब्लम्स उस उबलते हुए पानी की तरह है और यही उबलता हुआ पानी, हमारे कैरेक्टर को डिटरमिन करता है। तो जिंदगी चैलेंजस से भरी हुई है! लेकिन यह हमारे ऊपर निर्भर करता है, कि हम चलेंगे इसके टाइम पर कैसे रिएक्ट करते हैं। 

इस Life Story In Hindi में, आज के लिए इतना ही। और आप किस टाइप के हो, कमेंट करके जरूर बताएं।


2. एक और Motivational Stories In Hindi |

एक बार की बात है, कुछ गिद्धों का झुंड शिकार की तलाश में उड़ते-उड़ते एक ऐसे टापू पर जा पहुंचता है, जो समंदर के चारों तरफ से घिरा हुआ था। जब वो गिद्धों का  झुंड उस टापू पर उतरता है, तो देखता है कि यहां पर तो बहुत सारी मछलियां है, मेंढक है और भी शिकार हैं। और यहां शिकार करना बहुत ही आसान है। 

और हमें भी यहां इस टापू पर किसी दूसरे बड़े जानवर से, या किसी शिकारी से कोई भी खतरा नहीं है। तो वो गिद्ध  वहां उस टापू पर, भरपेट मछलियां, मेंढक, और केकड़े कहते हैं। और 2 दिन तक वह सारे गिद्धों का झुंड इस टापू पर रुका रहता है। 

Motivational Stories In Hindi

अब सारे गिद्धों को वह जगह बहुत पसंद आ गई थी, और उन गिद्धों में से किसी का भी मन उस जगह को छोड़कर जाने का नहीं था। क्योंकि उन गिद्धों  को शिकार करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ रही थी। सब कुछ उन्हें बिना मेहनत के उस टापू पर ही मिल रहा था। 

अब वो सारे गिद्ध उस टापू पर बहुत ऐश कर रहे थे। तभी उनमें से एक बूढ़ा गिद्ध उन सभी को उस टापू पर से वापस चलने को बोलता है। लेकिन कोई भी गिद्ध उस टापू को छोड़ना नहीं चाहता था। 

इसीलिए उस बूढ़े गिद्ध को सभी गिद्धों ने वापस चलने के लिए मना कर दिया। उसे बूढ़े गिद्ध नेउनेह बोहत समझाया, लेकिन कोई भी वापस चलने के लिए राजी नहीं हुआ। अब बूढ़ा गिद्ध अकेला उस टापू से चला जाता है। 

a beautifyl island on ocen

फिर तकरीबन जब 1 साल के बाद वह बूढ़ा गिद्ध जब टापू पर वापस आया, तो उस टापू का नजारा बहुत ही भयानक और दर्दनाक हो चुका था। जहां देखो वहां गिद्धों की लाशें पड़ी हुई थी, और कुछ गिद्ध घायल पड़े हुए थे। 

ये देख कर वो बूढ़ा गिद्ध एक घायल गिद्ध से पूछा: ” कि तुम्हारी ऐसी हालत किसने की? ” तो उस घायल गिद्ध ने बताया: ” कि आपके जाने के बाद, हम सभी टापू पर बड़े ही मजे की जिंदगी जी रहे थे, लेकिन एक दिन इस टापू पर एक बड़ा सा जहाज आया,

और उस जहाज से बहुत सारे चीते बाहर निकाले! हमने जैसे ही उन चीते को देखा और उड़ने का प्रयास किया तो, हमारा ज्यादा वजन होने की वजह से हमसे उड़ा नहीं गया। और हमारे पंजे और नाखून भी कमजोर हो चुके थे। इसी वजह से उन चीतों ने हमारा शिकार करना शुरू कर दिया।

घायल गिद्ध ने कहा: " मुझे अब समझ आ गया है, कि कंफर्ट जोन में जाने के बाद, उससे बाहर आना बहुत ही मुश्किल होता है! और किसी भी तरह की चुनौती आने पर, उसका सामना करना मुश्किल हो जाता है।

दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है: कि जो लोग कंफर्ट जोन को अच्छा समझते हैं, बाद में वही कंफर्ट जोन उनके लिए मुश्किल बन जाता है। और जिस इंसान की जिंदगी में चुनौतियां और मुश्किलें आती रहती है, असल में वही इंसान जिंदा है।

और जब तक आप चुनौतियों का सामना करते रहेंगे, आप जिंदगी में आगे बढ़ते रहेंगे। प्रॉब्लम्स और मुश्किलें यहीं हमें इंप्रूवमेंट की तरफ ले जाती है, जिसकी जिंदगी में प्रॉब्लम्स नहीं, उसकी जिंदगी में इंप्रूवमेंट्स नहीं। 

तो अगर आप इस Life Story In Hindi को और भी लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं, तो इस स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ Share करो। 

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Love to write stories about morality and motivational.

4 thoughts on “परेशानियां – Life Story In Hindi | Life Changing Story”

  1. Normally I don’t read article on blogs, but
    I wish to say that this write-up very forced me to
    try and do so! Your writing style has been surprsed me.
    Thank you, quite gteat article.

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  2. Normally I don’t read article on blogs, but I wish to say that this write-up very forced me to try and do so!

    Yourr writing stylee has been surprised me.
    Thank you, quite great article.

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