एक चालक बकरी – Kids Story in Hindi (Best lession)

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Kids Story in Hindi - Ek Chalak Bakri

Introduction

इस Kids Story in Hindi में हम आपको एक चालक बकरी का कहानी सुनाएंगे, जो हर मुश्किल घडी में बजाये डरने के, वो सबर से काम करती है और दिमाग का इस्तेमाल करती है। तो चलिए शुरू करते है।

Kids Story in Hindi यहाँ से शुरू होती है।

NawaPur गाँव में एक किसान के घर में, नीलू नाम की एक बकरी रहती थी। उसके 3 बचे थे। वो अपने बच्चों को ले कर हमेसा टेंशन में रहती। क्योकि गाओ के किनारे ही एक धना जंगल था। बक्री को डर रहता था कि, पता नहीं कब बच्चे खेलते हुए जंगल की तरफ निकल जाए और जंगली जानवर का शिकार हो जाए। इस बात से चिन्ति बक्री हमेशा अपने बच्छों को गाइड करती रहती थी।

a dense forest on the side of the village.

बकरी अपने बच्चों को कहती थी की कभी भी उस जंगल के तरफ मत जाना। एक दिन एक बकरी का बचा, किसान के बचे को चारा देने वाले से बात करते हुए सुनता है। “की जंगल में तो ऐसा हरा हरा चारा, चारों तरफ भरा पड़ा रहता है।” बकरी का बचा इस बात को सुन कर उससे हरा हरा चारा देखने की इच्छा होती है।

और वो चुप-चाप जंगल की तरफ चला जाता है। जब माँ बकरी को इस बात का पता चलता है, तो वो परेशान हो जाती है। और वो बचे को ढूंढ़ने निकलती है।

वहां बकरी का बचा खेलते हुए अभी कुछ ही दूर पोहचता है, की तभी 3, 4 भेड़िये आ कर उसे घेर लेते हैं। ये देखते ही बकरी का बच्चा डर जाता है। और जोर जोर से चिल्लाने लगता है। अपनी माँ को बुलाने लगता है।

4 wolves in a dense forest.

ये देख सारे भेड़िये हँसते हैं। और उनमे से एक भेड़िया कहता है “वा क्या तजा तजा खाना है, काश ये परसों मिला होता” दूसरा भेड़िया “क्योँ?”. पहला भेड़िया “परसों मेरा बर्थडे था न, पार्टी और भी रंगीन होती”

तीसरा भेड़िया “कोई बात नहीं, अभी करलेते हैं बर्थडे पार्टी, ” उसी वक़्त उस बकरी के बचे की माँ आ जाती है। और चौथा भेड़िया कहता है “आज लगता है पार्टी बोहत लम्बी होने वाली है।” दूसरा भेड़िया “हाँ! 250g के साथ 5kg Free” उसके बाद सारे भेड़िये हँसते हैं।

फिर बकरी की माँ कहती है, “बस बस जादा हसो मत वर्ण शेर राजा आकर तुम चारों को फाड़ खाएंगे। फिर पहला भेड़िया बोलता है “शेर राजा! क्योँ?”

a goat in a dense forest.

फिर बकरी कहती है “तुम्हे क्या लगता है, में इसे यहाँ अकेले छोड़ कर क्योँ गयी थी? क्योँकि शेर राजा ने हुकुम दिया था के में अपनी बचे को लेकर यहाँ से ना हिलू, जब तक के शेर राजा न आ जाये। और अगर उनके सिवा तुम लोगो ने इससे या मुझे खा लिया, तो शेर राजा तुम चरों को ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे”

ये सुनकर भेड़िया हँसता है और बोलता है “पर शेर राजा को पता कैसे चलेगा? तुम्हें हमने खाया?” फिर बकरी कहती है “तुम क्या शेर राज को बेवक़ूफ़ समझते हो? जंगल के राजा हैं वो, वो देखो हाथी राज को नज़र रखने के लिए यहाँ छोड़ गए हैं। देखा! अब तुम चारो चाहो तो हमें खा सकते हो।”

ये सुनकर चारों भेड़िये टेनशन में आ जाते हैं और आपस में कहते हैं “हाँ! यार, हाती राजा तो हमारे बारे में बता कर ही रहेंगे। दूसरा भेड़िया “तो क्या करें?” पहला भेड़िया “भाई! जान बची तो लाखो पाए, शेर के मुंह से निवाला चिन्ना, खुद शेर का निवाला बनना है। चलो चलते हैं।” कहते हुए, चारों भेड़िये वहाँ से चले जाते हैं!

a Elephant in a dense forest

कहते हुए, चारों भेड़िये वहाँ से चले जाते हैं! भेड़िये के जाते ही बच्चे की जान बज गई। ये देख, बक्री जल्दी-जल्दी बच्चे को लिकर बापस अपने गाँव की तरफ भाकती हैं! और अभी वो कुछ ही आगे बढ़ती हैं, कि तबी उसके सामने शेर आ जाता हैं!

उन्हें देखते ही शेर दहारता हुआ उन्की और बढ़ता हैं! ये देख बच्चा घब्रा कर अपनी मा के शरीर से लिपट जाता हैं! तबी शेर एक ही जंप में उनके सामने पहुत जाता हैं! तबी अंदर ही अंदर कांपती हुई माँ बकरी हिम्मत कर के कहती हैं! छोड़िये शेर राज वर्ण शेरनी को गुष्षा आ जाएगा! शेर ने कहा ” कहां है शेरनी? कहीं तुम अपने आपको शेरनी तो नहीं समझ रही!

बकरी ने कहा ” नहीं! मैं आपकी शेरनी की बात कर रही हूं! शेर: मेरी शेरनी? बकरी:”हां, आप क्या समझते हैं? मैं क्या अपने बच्चे को लेकर इस भयानक जंगल में पिकनिक मनाने निखली हूं? नहीं, मुझे शेरनी ने पकड़लिया था, और कहा था “जब तक में ना आजाउं, यहीं रुकना! आज मैं अपने शेर के लिए ताजा-ताजा तुमहारा बच्चा और तुमें ले जाउंगी!

a Lion in a dense forest

शेर: मैं कैसे मानूं? बकरी: मत मनो! बाटमें आपको अपनी शेरनी के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा। तब मुझे मत कहना कि बताय नहीं था! और फिर भी झुंट लगे तो वो कवे से पूझ लो! उसे शेरनी मेरी निग्रानी के लिए रख कर गई है! मेरे साथ कोई भी कुछ भी करेगा तो कवा शेरनी को बता देगा! फिर शेरनी उसे छोडेगी नहीं! आप चाहे तो कवे को भगा कर देखो!

वो मेरी निग्रानी छोड़ कर जाएगा ही नहीं! आखिर शेरनी का जो हुकम है! सुनकर शेर कवे को भगाने लिए दहाडता है! मगर कवा एक जगर से उड़कर फिर वही पेड़ के दूसरी जगर पर बैठ जाता है। ये देख बकरी झट से कहती है! कोई फायदा नहीं शेर राज! कवा शेरनी का हुकम ना बजाए! ऐसा हो सकता है क्या? सच कह रही हूँ, कवा तुमारी जासुसी के लिए ही है! यहां से नहीं जा रहा!

शेर: फिर शेरनी से पंगा कोन लेगा? मैं ही चला जाता हू! बादमे शेरनी तो तुम दोनों को मेरे लिए हि लाएगी! ये कहता हुआ शेर वहाँ से चला जाता है! उसके जाते ही बकरी अपने बच्चों को लेकर जल्दी-जल्दी गाओं की तरफ भाकती है! अभी वो शेर से बच के भागी ही थी, के तभी शामने शेरनी आजाती हैं! उन्हें देखते ही शेरनी दहारती हैं!

a Lioness in a dense forest

शेरनी को दहाड़ते देख, बच्चा अपनी माँ के पीछे छिप जाता हैं! शेरनी: वाह! आज मेरे शेर राज एक साथ दो दो नरम-नरम शिकार देखेंगे तो खुश हो जाएंगे! फिर बकरी बोलती है: वाह! पती पतनी हो तो आप जैसे! दोनों ही एक दुषरे को खुश करने में लगे हो! शेरनी: क्या मतलब? रोज आप शेर के लिए शिकार कर की ले जाती हो! आज शेर ने आप के लिए हम दोनों का शिकार करने का प्लान बनाया है! शेरनी: तो शिकार किया क्यों नहीं?

बकरी: शेर राजा ने कहा है, के शेर्नी को गूफा में आजाने दो! फिर तुम दोनों का ताजा ताजा शिकार कर के ले जाउंगा! आज शेर्नी को मेरी तरफ से पार्टी! शेरनी: सच! शेर राजा आज मेरे बारे में ऐसा शोच रहे हैं! बकरी: हाँ! आप गूफा में जाओ तो सही! वे आकर मुझे ले जाएंगे! शेरनी: ठीक है! लिकिन मेरे जाते ही तुम भाग गयी तो! बकरी: अब तक भागी क्या? और फिर मेरी निगरानी के लिए शेर राजा ने खर्गोश को लगा रक्खा है!

a Rabbit in a dense forest

मैं जहाँ भी जाउंगी, खर्गोश मेरे पीचे -पीचे आएगा! और शेर राजा को रिपोट करेगा! है ना खर्गोश? देखा! मेरी आवाज सुनती ही उसके कान खड़े हो गए! आँख और कान दोनों मुझ्पर है! शेरनी: हाँ! मैं अभी जाकर शेर राजा को भेचती हूँ! ये कहती हुई शेर्नी बहाँ से चली जाती है! बक्री यहां वहां देखती है और अपने बच्जों को लेकर गाओं की तरब भागती है।

ऐसा भागती है की पीछे मुढ़कर नहीं देखती! और सीदा किसान के घर के आंगर में बने अपने खूटे के पास पोहंच कर ही साश लेती है! बाकी बच्चे भी अपनी माँ और भाई को देख खुश हो जाते है! बच्चे: माँ! आप तो जंगर में गई थी! हम तो डर रहे थे! कहीं कोई जानवर मिल जाता तो? बकरी का बच्चा: मिल जाता तो क्या? मिले थे! शेर और शेर्नी! पर माँ ने मुझे उन् सब से बचा लिया!

बच्चे: कैसे? बकरी का बच्चा: माँ उन्से लडी! बच्चे: कैसे? बकरी बोली: बच्चो! लडने के लिए सिर्फ ताकत ही जरुरत नहीं! बल्कि उसके साथ-साथ धैरिया, दिमाद, और चालाकी से काम लेना चाहिये! तो खतरनाक से खतरनाक परिस्थिति से भी बच सकते हो!
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