2 Best Motivational Story in Hindi (Solve Problems)

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2 Best Motivational Story in Hindi

Introduction

हम आप्को इस ब्लॉग पोस्ट में 2 Best Motivational Story in Hindi में कहानियां बताएँगे, जो आपके जीवन को बदल सकता है और आपके सोच को भी।

2 Best Motivational Story in Hindi

1. परेशानियों का हल – Best Motivational Story in Hindi

एक छोटे से गाँव में एक बोहत बड़ा ज़मीदार रहता था, जोकि बोहत आमिर था। गाओं का छोटे से छोटा फैसला करने के लिए भी सारे गाओं वाले उसी के पास जाते थे, और उसी से राय लेते थे।

एक बार उस जमिंदार के आखों में किसी तरह का इन्फेक्शन हो गया, उसने गाँव के सारे हकीमों से अपना इलाज करवाया लेकिन उसकी आखें ठीक नहीं हुई। वो जब भी आके खोलता था तो उसे बड़ी तकलीफ हुआ करती थी।

फिर कुछ दिनो के बाद वो अपनी आखों का इलाज करवाने के लिए गाओं से बाहर चला गया। बाहर के डॉक्टरों ने उसकी आखों का चेक अप किया और उस जमिंदार से कहा कि आपकी आखों में एक तरह का इन्फेक्शन हो गया है।

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आपकी आखों के सामने हरे कलर के अलावा अगर कोई दूसरा कलर आया, तो आपकी आखे जलने लगेंगी, उसमें तकलीफ होने लगेंगी। जब जमिंदार ने यह बाद सुनी, तो वो डर गया और बहुत ही परेशान रहने लगा।

और अब वो जमिंदार ज्यादातर अपनी आखें बंद ही रखने लगा था। क्युकि उसके आसपास दूसरी चीज़ें भी थी जोकि हरे कलर की नहीं थी।

वो जमिंदार दिन रात बस इस प्रोब्लम के सलूशन के बारे में ही सोचने लगा था, और परेशान रहने लगा था। कई दिन सोचने के बाद उसके दिमाग में एक आईडिया आया। उसने अपने नौकरों को बुलाया और कहा “इस सारे गाओं को हरा कलर मार कर, हरा करदो।

गाओं में में जहाँ जहाँ भी जाता हू, सारी जगह को हरा कर दो। उस जमिंदार के कहने पर सारे गाओं को हरा कर दिया गया। लेकिन इतना सब कुछ करने के बाद भी कुछ चीज़ें ऐसी थी जिसे वो हरा नहीं कर सकता था, जैसे के आस्मान जो हमेशा नीला रहता है।

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उसके शरीर का कलर, रोटी का कलर और भी बोहत सी चीज़ीं ऐसी थी, जिसे वो हरा नहीं कर सकता था। एक दिन एक लड़का उस गाओं से गुजर रहा था, जब उस लड़के ने देखा कि उस गाउ में सारी चीजे हरे कलर की है तो उस लड़के ने वहाँ के कुछ गाउ वालों से पूछा।

यहां सब हरे कलर का क्यू है?” तो गाओं वालों ने उस से कहा कि “हमारे गाउ में एक जमिनदार हैं जिनके आखों में इन्फेक्शन हो गया है, और वो हरे कलर के अलावा अगर कोई दूसरा कलर देखते है तो उनके आखें जलने लगती है।

ये सुनने के बाद वो लड़का उस ज़मीनदार के घर गया, और ज़मीदार से के बाद, उसने कहा “आपने अपने आखों की वजह से सारे गाओं को हरा कर दिया है, इस प्रॉब्लम का सलूशन तो बोहत ही सिंपल था। आप एक हरे कलर का चस्मा लगा लीजिए, जिससे आपको सारि दुनिया हरी दिखेगी।

दोस्तों! हमे इस कहानी से ये सिखने को मिलता है, कई बार हमारे प्रॉब्लम का सलूशन बोहत ही छोटा सा और बोहत ही छोटा होता है। लेकिन हम उस प्रॉब्लम के बारे में सोच सोच कर, उस प्रॉब्लम को इतना बड़ा कर देते हैं, फिर जहाँ से कोई सलूशन नज़र नहीं आता है। 

सही समय – Motivational Story in Hindi

एक बार एक आदमी ने मेंढक को पड़कर एक बर्तन में डाल दिया। फिर उस आदमी ने बर्तन के अंदर थोड़ा सा पानी डाल दिया। बर्तन इतना बड़ा भी नहीं था कि मेंढक उसे छलांग ना मार सके, लेकिन उस मेंढक ने ऐसा नहीं किया।

Motivational Story in Hindi

फिर उस आदमी ने बर्तन को स्टोव पर रख दिया ,और बर्तन के नीचे आग लगा दी। फिर धीरे-धीरे बर्तन के अंदर का पानी गर्म होने लगा, उसे बर्तन के अंदर जो मेंढक था वह पानी के टेंपरेचर के हिसाब से, खुद को एडजस्ट कर रहा था, अपनी एनर्जी से। 

पानी का टेंपरेचर धीरे-धीरे बढ़ने लगा, मतलब की धीरे-धीरे और भी ज्यादा गर्म होने लगा और मेंढक अभी भी अपनी एनर्जी का इस्तेमाल करते हुए टेंपरेचर के हिसाब से अपने बॉडी को एडजस्ट कर रहा था। अब एक समय ऐसा आया कि वह पानी बहुत ही ज्यादा गर्म हो चुका था, और मेंढक की सारी एनर्जी भी खत्म हो चुकी थी। 

और अब वह मेंढक चाह के भी बर्तन से बाहर नहीं निकल सकता था, और उस बर्तन से चलांग नहीं मार सकता था। क्योंकि उसके अंदर आप उतनी एनर्जी ही नहीं बची थी, कि वह छलांगा मार कर व बर्तन से बाहर निकल आए। 

 a bowl of water is boiling on stove

क्योंकि उसने अपनी सारी एनर्जी, शुरुआत में ही पानी के टेंपरेचर के साथ एडजस्ट करने में लगा दी थी। और अब उसे मेंढक के अंदर कुछ भी एनर्जी नहीं बची थी, जिसकी वजह से वह मेंढक उसी पानी में ही मरगया। 


इस कहां से हमें यह सीख मिलती है कि अगर वह मेंढक चाहता तो शुरुआत में ही छलांगा मार कर उस बर्तन से बाहर आ सकता था, क्योंकि बर्तन ज्यादा बाद भी नहीं था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया, उसने अपनी सारी एनर्जी एक ही जगह पर लगा दी थी, पानी के टेंपरेचर के साथ खुद को एडजस्ट करने में। 

और जब आखिर में उसके पास कोई ऑप्शन नहीं बचा, शिवाय उस बर्तन से बाहर निकलने में, तब वह ऐसा कर नहीं सका, क्योंकि उसकी अंदर की सारी एनर्जी खत्म हो चुकी थी। 

मेंढक की मौत किस वजह से हुई? गर्म पानी की वजह से? नहीं! मौत हुई सही समय पर छलांग न करने की वजह से। हम भी इसी तरह अच्छे वक्त का इंतजार करते रहते हैं, अच्छे वक्त का इंतजार मत करो! बस चलांग लगा दो। सब कुछ सही करने का सोच कर मत कूदो, क्योंकि ऐसा सोचोगे तो कभी कूद ही नहीं पाओगे। 

कहते हैं सबसे अच्छा कूदने का वक्त तब होता है, जब आप तैयार नहीं होते हो। क्योंकि असली तैयारी कूदने के बाद शुरू होती है। और अपनी एनर्जी एक ही चीज पर वेस्ट मत करो, हमेशा अपनी एनर्जी को बचाकर रखो, सही चीजों को वक्त देने के लिए। इससे आपकी इंप्रूवमेंट हो।

आज के समय में बहुत से लोग अपनी एनर्जी फिजूल चीजों पर लगा रहे हैं और जब वह बाद में कुछ मीनिंगफुल करने के लिए बैठते हैं तो उनके अंदर इतनी एनर्जी और वक़्त नहीं रहती है जिससे वह उसे काम को कर सके। और वह एक जगह पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाते हैं।  

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