ये Best Motivational Kahani in Hindi पढ़के आपके आँखों से जरूर आंसू निकल आएंगे। ये बोहत ही Heart-Touching और Motivational Kahani है।
Best Motivational Kahani in Hindi
इस कहानी को सुनने के बाद अगर किसी की आंखों में आंसू ना आए तो वह इंसान शायद पत्थर दिल होगा। एक प्राथमिक स्कूल में अंजली नाम के एक टीचर थी, वह कक्षा 5 की क्लास टीचर थी।
उसकी एक आदत थी कि वह कक्षा में आते ही, हमेशा लव यू आल बोला करती थी। मगर वह जानती थी कि वह सच नहीं बोल रही है, वह क्लास के सभी बच्चों से एक जैसा प्यार नहीं कर सकती थी।
कसम एक ऐसा बच्चा था जो उनको फटी आंख भी नहीं भाता था, उसका नाम था राजू। राजू हमेशा स्कूल को मेला-कुचला होकर आया करता था, उसके बाल खराब होते, जूतों के बंद खुले, शर्ट में मिल के निशान, और पढ़ाई के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता था।
मैडम के डांटने पर वह चौंक कर उनेह देखता, मगर उसकी खाली-खाली नजरों से साफ पता लगता रहता की राजू शारीरिक रूप में उपस्थित होने के बावजूद भी मानसिक रूप से गायब है।
धीरे-धीरे मैडम को राजू से नफरत सी होने लगी। क्लास में घुसते ही राजू मैडम की आलोचना का निशाना बनने लगता, सब बुराई के उदाहरण राजू के नाम पर किए जाते। बच्चे उस पर खिल खिलाकर हँसतेऔर मैडम उसको अपमानित करके संतोष प्राप्त करती।
राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था। मैडम को वह एक बेजान पत्थर की तरह लगता जिसके अंदर आत्मा नाम की कोई चीज नहीं थी। हर डांट और सजा के बावजूद वह बस अपनी भावनाओं से खाली नजरों से उन्हें देखा करता, और सर झुका लेता।
मैडम को अब राजू से गंभीर नफरत हो चुकी थी, पहले सेमेस्टर समाप्त हुआ और प्रोग्रेस रिपोर्ट बनाने का समयआया। मैडम ने राजू की प्रग्रति रिपोर्ट में यह सब बुरी बातें लिख डाली प्रग्रति रिपोर्ट माता-पिता को दिखाने से पहले हेड मास्टर के पास जाया करती थी।
राजू की प्रोग्रेस रिपोर्ट देखें तो मैडम को बुला लिया और कहा ” मैडम प्रगति रिपोर्ट में कुछ तो राजू की प्रोग्रेस भी लिखनी चाहिए थी, इससे राजू के पिता बिल्कुल निराश हो जाएंगे। “
मैडम ने कहा मैं माफी मांगती हूं, लेकिन राजू एक बिल्कुल ही असिस्टेंट निकम्मा बच्चा है। मुझे नहीं लगता कि मैं उसकी प्रोग्रेस के बारे में कुछ लिख सकती हूं। मैडम नफरत वाले लहजे में बोलकर वहां से उठकर चली गई।
और फिर स्कूल की छुट्टी हो गई। अगले दिन हेड मास्टर ने एक विचार किया, और उन्होंने चपरासी के हाथ उस मैडम की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रोग्रेस रिपोर्ट रखवादी। अगले दिन मैडम ने क्लास में प्रवेश किया तो वह रिपोर्ट पर नजर पड़ी, उसको पलटा कर देखा तो पता चला कि राजू की प्रोग्रेस रिपोर्ट है।
मैडम ने सोचा कि पिछली कक्षा में भी राजू ने जरूर यही गुल खिलाए होंगे। और फिर उन्होंने क्लास 3 की रिपोर्ट खोली, रिपोर्ट कर कर उनके आश्रय की कोई सीमा नहीं रही। जब उन्होंने देखा कि उसकी रिपोर्ट उसके तारीफों से भरी पड़ी है।
उसमें लिखा था " की राजू जैसा बुद्धिमान बच्चा आज तक मैं नहीं देखा, और वह बहुत संवेदनशील (Sensitive) बच्चा है। वह अपने टीचरों और दोस्तों से बहुत लगाव रखता है, आखिर सेमेस्टर में भी उसने बहुत अच्छा पोजीशन हासिल किया है। "
बाद मैडम ने क्लास 4 की रिपोर्ट खोली, और इसमें लिखा था ” राजू अपनी मां की बीमारी से बहुत तनाव में है, उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। राजू की मां को आखिरी स्टेज का कैंसर हुआ है, और घर पर उसका कोई ध्यान रखने वाला नहीं है। जिसका गहरा इफेक्ट उसकी पढ़ाई पर पड़ा है। ”
नीचे हेड मास्टर ने लिखा कि राजू की मां मर चुकी है और इसके साथ ही राजू की जिंदगी की रौनक और चमक भी।
उसे बचाना होगा इससे पहले की बहुत देर हो जाए। यह पढ़कर मैडम के दिमाग पर भयंकर बोझ हावी हो गया। कांपते हाथों से उनोहने प्रोग्रेस रिपोर्ट बंद की। मैडम की आंखों से आंसू एक के बाद एक गिरने लगे, मैडम ने साड़ी से अपनी आंसू पोंछे।
अगले दिन जब मैडम क्लास रूम में दाखिल हुई, तो उन्होंने अपने आदत के अनुसार अपना वही लफ्ज़ दोहराया कि आई लव यू ऑल। मगर वह जानती थी कि वह आज भी झूठ बोल रही है। क्योंकि इसी क्लास में बैठे, एक उलझे हुए बालों वाला बच्चा राजू के लिए जो प्यार है आज वह दिल में महसूस कर रही थी।
वह उस क्लास में बैठे, किसी भी बच्चे से ज्यादा पढ़ाई के दौरान उन्होंने रोजाना दिनचर्या की तरह एक सवाल राजू पर दागा। और हमेशा की तरह राजू ने सर झुका लिया। जब कुछ देर तक मैडम से डांट फटकार और बाकी स्टूडेंट के हंसी की आवाज उसके कानों में नहीं पड़ी तो उसने अचंभित होकर सर उठाकर मैडम की ओर देखा तो उनके माथे पर आज गुस्सा नहीं था।
वह मुस्कुरा रही थी, उन्होंने राजू को अपने पास बुलाया और उसे सवाल का जवाब बता कर, जबरन दोहराने को कहा। राजू तीन चार बार के बाद आखिरकार बोल ही पड़ा, इसका जवाब देते ही मैडम ने न सिर्फ खुद खुश होकर तालियां बजाई बल्कि सभी बच्चों से भी बजवाई।
फिर तो यह हर दिन का मामला बन गया, मैडम हर सवाल का जवाब खुद बताती, फिर उसकी खूब तारीफ भी करती। अब राजू की तरफ अच्छी उदाहरण का इशारा किया जाने लगा। धीरे-धीरे पुराना राजू सन्नाटे का कब्र फाड़ कर बाहर आ गया।
अब मैडम को सवाल के साथ जवाब बताने की जरूरत नहीं पड़ती, वो रोज सही उत्तर देकर सबको प्रभावित करता। और नए-नए सवाल पूछ कर सबको हैरान भी करता और उसके बाल अब कुछ हद तक सुधार रहे होते हैं, कपड़े भी काफी हद तक साफ होते, अब वह शायद खुद धोने लगा था।
देखते ही देखते साल खत्म हो गया, राजू ने दूसरे स्थान पर क्लास 5 को पास कर लिया। स्कूल के दूसरे जगह दाखिल होने के लिए तैयार हो गया था। क्लास 5 के विदाई समारोह में सभी बच्चे मैडम के लिए सुंदर उपहार लेकर आए, और मैडम के टेबल पर ढेर लग गया।
इन खूबसूरत से पैक हुए उपहार में एक पुराने अखबार में पैक हुआ एक उपहार भी पड़ा था। बच्चे उसे देखकर हंस रहे थे किसी को जानने में देर नहीं लगी की यह उपहार राजू लाया होगा। मैडम ने उपहार के इस छोटे से पहाड़ में से लपक कर राजू वाले उपहार को निकाला,
और खोल कर देखा तो उसके अंदर महिलाओं के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली परफ्यूम आधी इस्तेमाल की हुई सीसी और हाथ में पहने जाने वाला एक बड़ा सा कंगना था। और उसके ज्यादातर मोती झड़ चुके थे।
मैडम ने चुपचाप इस परफ्यूम को अपने हाथ में छिड़का और उसे कंगन को अपने हाथ में पहन लिया, यह मंजर देखकर सब बच्चे हैरान रह गए और खुद राजू भी। अब राजू से रहा नहीं गया और वह मैडम के पास आकर खड़ा हो गया।
कुछ देर बाद उसने अटक-अटक कर मैडम से बोलै ” आपसे मेरी मां जैसी खुशबू आ रही है “ इतना सुनकर मैडम की आंखों में आंसू आ गया और मैडम ने जल्दी से राजू को अपनी गले से लगा दिया।
राजू ने दूसरी जगह स्कूल में दाखिला ले लिया था, समय बीतने लगा दिन सप्ताह में, सप्ताह महीने में और महीने साल में बदल गए। मगर हर साल के आखिरी में मैडम को राजू की तरफ से एक एक पत्र नियमित रूप से प्राप्त होता। जिसमें यह लिखा होता है कि इस साल में मैं कई नए टीचर से मिला, मगर मैडम आप जैसा कोई नहीं था।
फिर राजू की पढ़ाई खत्म हो गई, और चिट्ठियों का सिलसिला भी खत्म हो गया। कई साल आगे गुजरे और मैडम रिटायर हो गई। एक दिन मैडम के घर में मेल में राजू का एक खत मिला, जिसमें लिखा था ” इस महीने के अंत में मेरी शादी है और आप के बिना शादी की बात में नहीं सोच सकता।
एक और बाद में अपनी जीवन में बहुत सारे लोगों से मिल चुका हूं, पर आप जैसा कोई नहीं है। आपका डॉक्टर राजू!” इस खत के साथ प्लेन में आने-जाने का टिकट भी उसमें लगा हुआ था।
मैडम खुद को हरगिज नहीं रोक सके उन्होंने अपने पति से अनुमति ली, आरो राजू के शहर के लिए रवाना हो गई। शादी के दिन जब वह शादी के जगह पहुंची, थोड़ी लेट हो चुकी थी, उन्हें लगा समारोह खत्म हो गया होगा।
मगर यह देखकर उनके आश्चर्य की सीमा नहीं रही, की शहर के बड़े डॉक्टर, बिजनेसमैन, और यहां तक की वहां के पंडित जी भी थक चुके थे, कि आखिर कौन आना बाकी है?
मगर राजू समारोह में शादी के मंडप की वजह गेट की तरफ टक-टकी लगाए उनके आने का इंतजार कर रहा था। फिर सब ने देखा कि जैसे ही एक बूढी औरत ने गेट खोली राजू उनके और लपका और उनका वह हाथ पकड़ा जिसमें उन्होंने अब तक वह कंगन पहना हुआ था।
और वो उन्हें सीधा स्टेज पर ले गया। राजू ने माइक हाथ पैर पड़कर कुछ यह बोला ” दोस्तों आप हमेशा मुझसे मेरी मां के बारे में पूछा करते थे, और मैं आप सबसे वादा क्या करता था कि जल्द ही आप सबको उनसे मिलाऊंगा। ध्यान से देखो यह है मेरी प्यारी सी मां, दुनिया की सबसे अच्छी है मेरी मां यह मेरी मां है! “
दोस्तों इस प्यारी सी कहानी को सिर्फ स्टूडेंट और टीचर की कहानी मत समझिएगा। अपने आसपास देखें राजू जैसे कई फूल मुरझा रहे हैं, जिन्हें आपका जरा सा प्यार और ध्यान नया जीवन दे सकता है।
कमेंट करिये की आपको Best Motivational Kahani in Hindi केसा लगा।
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