बस के लोग – Motivational Stories Hindi

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Motivational Stories Hindi – यह कहानी है तीर्थ यात्रियों का, जो की तीर्थ दर्शन खत्म करके वापस आ रहे थे और फिर उनको ऊपर मुसीबत आ गई! 

Motivational Stories Hindi

1. Motivational Stories Hindi

एक छोटी सी कहानी है, तीर्थ यात्रियों से भरी हुई एक बस की! तीर्थ दर्शन करने के बाद सब वापस लौट रहे थे। पहाड़ी रास्ता था, सुकून वाला माहौल था, भजन-कीर्तन चल रहे थे, और सुहाना मौसम था, सब ठीक था। 

a bus passing through a mountain road

फिर अचानक से मौसम पलट गया! आंधी-तूफान आया, आसमान में काले बादल छा गए, घनघोर बारिश होने लगी और साथ में बिजलियां कड़कने लगी, चमकने लगी और डरावना मौसम हो गया। 

the weather suddenly changed in mountains area

बस के थोड़ी दूर ही पर एक बिजली आकर के गिरी। सारे लोग शांत हो गए, डर गए कि पता नहीं हमने क्या कर दिया! हमारे बाप के भगवान ने क्षमा नहीं किये। अभी तो हम सब दर्शन करके आए हैं। 

A lightning struck right next to the bus.

ड्राइवर धीरे-धीरे गाड़ी को आगे बढ़ा रहा था, थोड़ी दूर फिर से पहाड़ पर ही एक और बिजली गिरी। अंदर बैठे लोगों को लगा की अब जो है सब कुछ ख़तम होने की तरफ बढ़ चुका है। हमारा जीवन ख़तम होने वाला है।

तीर्थ दर्शन करके आये फिर भी हमारा पाप माफ नहीं हुआ! अब हम सब मरने वाले हैं। ड्राइवर ने बस को साइड में लगा दिया,  और फिर यात्रियों की तरफ आया और कहने लगा कि मैं आपसे एक बात कहना चाहता हूं, छोटा मुंह बड़ी बात!

लेकिन मुझे ऐसा लगता है की आप सब दर्शन करके आए हैं। लेकिन आप सब में अभी भी एक ऐसा शख्स बैठा है, जिसके पाप प्रभु ने क्षमा नहीं किया और आज उसका जाना तेह है। अब उस एक शख्स के चक्कर में, बस पर भी बिजली गिर सकती है। 

तो मुझे ऐसा लगता है की एक टेस्ट कर लेते हैं। वो सामने जो पेड़ दिख रहा है, सब एक-एक करके जाते हैं और उसको छू कर आते हैं। जो भी वह शख्स होगा जिसको प्रभु ने क्षमा नहीं किया, उसके ऊपर बिजली गिरेगी और उसकी जान चली जाएगी। 

A lonely tree in a hilly area and it's raining

कम से काम बाकी लोग तो बच जाएंगे! सब ने हां में हां भर दी, कि अच्छा सजेशन है। तो चलो इसको शुरू करते हैं, एक के चक्कर में सब क्योँ मरे! तो एक-एक करके लोगों ने जाना शुरू किया। 

जो पहला व्यक्ति उतरा, वह घबरा रहा था, उसके पैर भी कांप रहे थे! कहीं मेरी जान ना चली जाए। एक-एक करके सब जाने लगे, डरते डरते पेड़ को छूकर के वापस आने लगे। किसी की भी जान नहीं गई। 

अब एक आखिरी व्यक्ति बचा था, और जब वह बस में से उतरा तो सारे लोग उसे घूर रहे थे! उन सज्जन को सब देख रहे थे। ड्राइवर भी देख रहा था कि ” भाई साहब! आप ही हो आपकी वजह से तो आज जान जाने वाली थी। “

वह भी डरते-डरते और कांपते-कांपते प्रभु का नाम लेते-लेते उस पेड़ के पास गए। जाकर के उस पेड़ को छुआ, तभी एक जोरदार बिजली गिरी। लेकिन पेड़ पर नहीं! उस बस पर गिरी और सारे लोगों की जान चली गई। 

Lightning struck a bus which was parked in a hilly area

सिर्फ इकलौता शख्स ऐसे थे, उनकी वजह से उन सब लोगों की जान बची हुई थी। जैसी ही वह बस से बाहर आए, सब की जान चली गई।


हम में से बहुत सारे लोग हमेशा आसपास के लोगों को जज कर रहे होते हैं, बुराइयां निकाल रहे होते हैं, और सोच रहे होते हैं कि इनकी वजह से हमारी लाइफ खराब हो रही है। 

हम ये सोचे की कई बार अच्छे लोग जो आपके साथ जुड़ जाते हैं, उनकी दुआएं, उनके पॉजिटिविटी, उनकी विशेष, और प्रार्थनाएं आपके साथ जुड़ जाती है, आपके जीवन में भी अच्छा होने लगता है। कई लोग ऐसे लोग होते हैं, जो बिना बताए आपके लिए दुआ कर रहे होते हैं!

तो लोगों को जज करना बंद कीजिए, दूसरों की बुराइयां निकलना बंद कीजिए और इस कहानी का सार याद रखिए!

आपको इस Motivational Stories Hindi से और क्या सीख मिली? हमको कमेंट करके जरूर बताइए!

2. एक फल वाला – Motivational Story In Hindi

Motivational Story In Hindi- ek fal waala

एक बड़ी छोटी सी कहानी है, एक भाई साहब की! जो सब्जी मंडी गए थे फल खरीदने के लिए। और फल वाले की दुकान पर गए तो जाकर के केले का भाव पूछा की केले का कितना कीमत है। और सब के क्या दाम चल रहे हैं? तो दुकान वाले ने कहा ” भाई साहब! अकेले तो ₹40 दर्जन है और सेब का भाव चल रहा है ₹120 किलो। 

falon ke daam

दुकानदार ने जैसे रेट बोला तो वह बोलने लगे ” अरे भाई यह तो बहुत ज्यादा हो गया! आप थोड़ा ठीक ठीक रेट लगाओ, फिर बारगेनिंग शुरू हो गया। तभी वहां पर एक महिला आती है, फटे से पुराने से कपड़े पहने हुए थे।

और जब आती है और भाव पूछते हैं की केले किस भाव दिए, एप्पल क्या भाव दिया? तो दुकानदार जो था वह अचानक से प्राइस चेंज कर देता है! वो फल वाला कहता है ” कि मैडम केले का जो भाव चल रहा है ₹5 दर्जन और सेब का ₹25 किल्लो। 

An old woman's hand hovering in the apples

जैसे ही यह बात पहले आए हुए भाई साहब सुनते हैं, उनको बहुत गुस्सा आता है। मन में गालियां देने लगते हैं कि कैसा बदतमीज है, अभी पुलिस को बुलाऊंगा और बताऊंगा की किस तरह से महिला को देखकर दाम कम कर दिया! 

इधर जो महिला आई हुई थी, उन्होंने कहा कि ” ठीक है भाई साहब! आप हमें 2 दर्जन केले दे दो और 1 किलो सेब दे दो। फिर फल वाले ने फटाफट से फल तौल दिया। और महिला वहां से जब जाने लगी तो बड़ी खुश थी। ऊपर वाले धन्यवाद कर रही थी, कि प्रभु आपकी कृपा से आज बच्चे फल खा लेंगे। 

A man's hand giving an apple and banana in a transparent bag

जैसी वहां से थोड़ी सी दूर गई, यह जो पहले से भाई साहब आये हुए थे यह गुस्से में बड़बड़ाने लग गए। की बदतमीज हो तुम! अभी पुलिस को बुलाता हूं! समझ क्या रखा है तुमने महिला आ गई तो उसके लिए दाम कम कर लिया तुमने और इतने कम कर दिए! 

मुझे बता रहे हो केले के दर्जन ₹40 और उनको बता रहे हो सिर्फ ₹5 दर्जन और सेब का किलो मुझे ₹120 बता रहे हो और उनको सिर्फ ₹25 किलो। ये कौन सा भेदभाव है? मुझे तो समझ में नहीं आ रहा! 

फल वाला कहने लगा कि ” भाई साहब मेरी पूरी बात तो सुन लो! मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं, आप मेरी पूरी बात पहले सुन लो। ” उन्होंने कहा ” ठीक है बता बता क्या कहना चाहता है! “

फल वाले ने कहा की ” जो महिला अभी आकर के गयी हैं न, उनके पति को मैं जानता हूं। कुछ समय पहले उनका रोड एक्सीडेंट में डेथ हो गया था और उनकी जान चली गई। उनके घर में दो छोटे-छोटे बच्चे हैं!

There is a car which met with an accident on an empty road.

मैंने कई बार कोशिस किया कि उनकी कोई मदद कर दूँ, यहां सब्जी मंडी में बहुत लोग जानते हैं! यही पास में ही यह महिला रहती है। बहुत सारे लोगों ने कोशिश की है कि इनको थोड़ा पैसा दे दूँ, इनको किसी तरह की मदद कर दूं। 

लेकिन यह महिला तैयार नहीं हो रही, बहुत खुद्दार हैं। लोगों के घरों में जाकर के साफ सफाई का काम करती हैं, झूठे बर्तन मांजती हैं, सफाई करती है। अपनी खुद्दारी से जीवन जीती हैं। मुझे जब लगा कि कोई और तरीका ही नहीं है उनकी मदद करने का,

तो मैंने सोचा कि कभी अगर मेरी दुकान पर फल खरीदने आएँगी तो सस्ते दाम में बेचूंगा! यह तो भोली-भाली हैं, ये सोचती हैं कि एहि भाव चल रहा है मार्किट में। उनकी मदद करके खुश हो जाता हूं। वह जो भाई साहब गुस्से में थे, उनका गुस्सा शांत हो गया।

और यह जो फल वाला था, यह कहने लगा कि ” आप आखरी बात सुनिए! बहुत दिनों में कभी-कभी आती है 20-25 दिन में एक बार। लेकिन याद रखता हूं कि जब भी आती है, मेरी दुकान पर बिक्री बहुत बढ़ जाती है। “

sales increased

” जिस दिन ये आती हैं, ऐसा लगता है कि ऊपर वाले ने बहुत कृपा कर दी। भाई साहब! मैं तो अपनी तरफ से थोड़ा सा बस मदद करने का भाव रखता हूं। ऊपर वाला पता नहीं किस भाव से मेरी छोटी सी झोपड़ी है, इसमें बहुत कुछ बेच देता है। “

जो भाई साहब थे, उनका गुस्सा शांत हो गया। उन्हें जीवन का सच समझ में आ गया कि जिस दिन आप दूसरे की मदद करने लगेंगे, उस दिन ऊपर वाला अपने आप आपकी मदद करने लगेगा।

और मेने कहीं से सुना की " जब आप दुआ मांगे तो पहले दूसरों के लिए मांगे, फिर अपने लिए मांगे। " आप देखना सबसे पहले काम आप ही का पूरा होगा और खुदा आप ही का पहला सुन लेंगे। क्योंकि जो दूसरों की मदद करता है, ऊपर वाला उसकी मदद करता है! 

आपको यह Motivational Stories Hindi कैसे लगी? हमको कमेंट करके जरूर बताइए!

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Love to write stories about morality and motivational.

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