इस Motivational Hindi Short Story में एक राजा के बारे में, जो एक उत्सव करना चाहता है। और अपने मित्रों को भी बुलाना चाहता था। बहुत बढ़िया सिख मिलेगी!
Motivational Hindi Short Story
एक राजा बूढ़ा हो चला था, उम्र के इस पड़ाव में उत्सव मनाना चाहता था, अपने मित्र देश के राजाओं को बुलाना चाहता था, और बड़ा कार्यक्रम करना चाहता था। उस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए उसने अपने राज्य की जो सबसे फेमस डांसर थी, उसमें बुलाया।
और उस कार्यक्रम उसने अपने गुरुदेव को बुलाया, जो उसके गुरु जी थे। कार्यक्रम शुरू हुआ! उस राजा ने अपने गुरुदेव को कुछ सोने के सिक्के दी कि आप भी इस डांसर को गिफ्ट कर दीजिएगा।
शानदार सा प्रोग्राम चलने लगा राजा के दरबार में। राजा की जो बेटी थी राजकुमारी, वो भी वहीं बैठी हुई थी। जो राजा का बेटा था युवराज जिसे घोषित कर दिया गया था, वो भी वहीँ था। कार्यक्रम चल रहा था हर कोई परफॉर्मेंस पर ताली बजा रहा था! कार्यक्रम चलते-चलते रात की 3:30 बज गई।
उस डांसर ने देखा कि उसका जो तबला वाला था, वह थोड़ा ऊंगने लगा और उसको नींद आने लगी थी। लड़की ने तभी एक दोहा पढ़ा! लड़की ने कहा ” बहू बीती थोड़ी रही, पल-पल गई बिताये। एक पलक के कारण, क्यों कलंक लग जाए! “
यानी कि एक बार अगर पलक झपकी और आँख लग गई तो फिर कलंक लग जाएगा। यानी कि वह तबले वाले को जगाना चाह रही थी। कि अगर आँख लग जाएगा तो सब गड़बड़ कर दोगे तुम! इसलिए अब जागो।
फिर अगर राजा को पता चल गया तो सजा मिलेगा! तबला वाला अचानक से चौंक गया और फिर ढंग से तबला बजाने लगा। लेकिन उस दोहे का मतलब सबने अलग-अलग निकाला। कमाल यह हुआ कि वह जो गुरुदेव बैठे थे राजा के, उनके पास जितने सोने के सिक्के सब उस लड़की को ले जाकर के दे दी।
जो राजकुमारी बैठी थी, उसने अपना ₹9,00,000 का जो हार था वह ले जाकर के उस लड़की को गिफ्ट कर दिया। जो युवराज बैठा था उसने अपना क्राउन था. ले जाकर के उस लड़की को दे दिया। राजा वहां सिंहासन पर देख रहा था और वो चौक गया की डांसर क्या कर रही है।
एक दोहा बोलकर के सबको पागल बना रही है, लूट रही है! राजा ने परफॉर्मेंस रुकवा दिया और कहने लगा कि ” क्या कर रही हो? तुमने एक दोहा बोला और इन सबको लूट लिया। यह गलत है! ” राजा शायद अगला शब्द बोलता कि इसको बंदी बना लो, तभी राजा के गुरु जी बोलै ” बस बस शांत हो जाओ राजन! इस डांसर ने बहुत सही बोला! “
उन्होंने कहा ” इसने जो कहा है ना, उसका जो मतलब निकाला है की मैं क्या कर रहा हूं? में जंगल में था तपस्या कर रहा था, पूरी जिंदगी और पूरी उम्र। अब इस उम्र के पढ़ाओ में तुमने कहा यहां आ जाओ और मैं यहां आ गया। और मैं इस लड़की को सोने के सिक्के दे रहा था, यह क्या पाप कर रहा था में!
” इस लड़की के दोहे ने मुझे जगा दिया है! मुझे बता दिया कि मुझे कहां होना चाहिए, यहां नहीं होना चाहिए। मैं तो अपना कमंडल लेकर चला! ” फिर वहां से गुरुजी चल पड़े। राजा की जो बिटिया थी, वो कहने लगी पिताजी मेने भी इस दोहे का मतलब अपने हिसाब से निकला है।
आज आपको बताती हूं, मेरी उम्र हो चली है लेकिन आप मेरा शादी नहीं करवा रहे। मैं आज की रात आपके महावत के साथ भागने वाली थी। लेकिन इस लड़की के दोहे ने मुझे समझाया। ” की बहू बीती, थोड़ी रही! थोड़ा समय और बचा है फिर हो जाएगी शादी। ”
उस एक गलती की वजह से आप पर क्यों कलंक लगाऊं! इसलिए मैं रुक गई, मुझे अच्छी अकल आ गई और मैंने वह ₹9,00,000 हार इनको गिफ्ट कर दिया। जो युवराज था वो कहने लगा के ” पिताजी ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ है! “
” मेरी उम्र होती जा रही है और में बड़ा होता जा रहा हूं। कब से इंतजार कर रहा हूं कि आप मुझे सिंहासन पर बैठाएंगे, और आप बिठा ही नहीं रहे। आज की रात में सैनिकों के साथ मिलकर आपको मारने वाला था।
अगला महाराज बनने वाला था, लेकिन लड़की के दोहे ने मुझे बताया कि कितना समय और बचा है? तुझे भी सिंहासन मिलेगा! सब्र रख, उस एक वजह से अपने पिता का कत्ल क्यों करना। ” पिता का खून क्यों करता है, यह कलंक क्यों अपने माथे लेता है। उस लड़की के दोहे ने मुझे समझा दिया।
राजा की आंखें खुल गई। लड़की भी सोचने लगी की उसके दोहे का मतलब सब ने अपने हिसाब से निकाल लिया,अब वह क्या कर रही है! उसे खुद भी ये काम बंद करके कुछ और करना चाहिए। राजा को समझ में आ गया की ” बहू बीती थोड़ी रही, एक गलती की वजह से कलंक क्यों लग रहा हूं!
राजा ने भी अपनी गलतियों को सुधारना शुरू किया। अपनी बेटी का शादी करवा दिया उसकी पसंद के राजकुमार से। बेटे को सिंहासन सौंप दिया और खुद जंगल में चला गया संन्यास लेकर के।
छोटी सी कहानी है और ये दोहा समझता है ” बहू बीती थोड़ी रही, पल-पल गई बिताये। एक पलक के कारण, क्यों कलंक लग जाए! ” लाइफ में हम बहुत पेशेंस के साथ बहुत, सब्र के साथ आगे बढ़ते हैं, अपनी मंजिल की तरफ।
अपने टारगेट को अचीव करने के लिए बढ़ते हैं। लेकिन कई बार में लगता है, कि बस हमारा सब्र टूटने लगता है! कि बहुत हो गया। थोड़ा समय बचा है, थोड़ा सा और सब्र लेकर चलिए, आप अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।
आपको ये Motivational Hindi Short Story केसी लगी और इससे और क्या क्या सिख मिली? कमेंट में जरूर बताईये।