Motivational Story for Students in Hindi – Best Story

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Story ka topic hai “Motivational Story for Students in Hindi’. Agar aapka padhai mein man nahi lagta ti iss story ko jarur padhiye.

अगर आपको Student Motivational Story In Hindi पढ़के, पढ़ने का मन न करे तो कहना! ये ऐसी कहानी है, अगर आप इसको अछेसे पढोगे, तो आप भी अपने ज़िन्दगी को बदलोगे।

1. एक लड़का! – Student Motivational Story In Hindi

Student Motivational Story In Hindi

दोस्तों ये कहानी है एक ऐसे लड़के की, जो पढ़ाई में एवरेज था, पर वह अक्सर टाइम पास करना और अपने दोस्तों के साथ मोबाइल खेलना, यह उसकी आदत बन चुकी थी। और उसकी मां की तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी, और वह गरीब परिवार से था, और घर की हालत बत से बत्तर थी। 

यानी अगर कोई मेहमान आ भी जाए, तो उसको बैठने तक की जगह नहीं होती थी। एक बार उसका दोस्त उसको बुलाने के लिए आया ” की चल कहीं चलते हैं। ”

वो दोस्त पहली बार उसके घर पर आया था, तो वह घर के हालत को देखकर दंग रह गया। तो उसने पूछा ” क्या तुम यहां पर रहता है?” वह वाला ” हां! मैं यहां पर रहता हूं। ” फिर बोला कि ” क्या है तेरा घर है? “ वह बोला कि “ हां! यह मेरा ही घर है! “

दोस्त: मतलब तू ऐसी हालत में रहता है? वह बोला कि ” हां! मैं ऐसे ही हालत में रहता हूं! “ क्यों, क्या हुआ? फिर कुछ देर तक तो उसका दोस्त चुप बैठ रहा, फिर वह बोला वह! मेरे दोस्त वह!

तेरे घर की हालत बत से बेहतर है, और तेरी मां घर पर बीमार पड़ी हुई है, पापा दिन रात काम करके थोड़ा सा पैसा जुटा पाते हैं और वह उससे घर-खर्च चलाते हैं, और तू दिन भर मोबाइल चलाते रहता है। 

a boy holding a mobile phone

और अपने दोस्तों के साथ दिनभर टाइम पास करता रहता है और तुझे अपनी करियर की कोई फिक्र नहीं है, और तेरे घर की हालत बात से बेहतर हो चुकी है। 

तू एक बात बता, किसको धोखा दे रहा है? अपने आप को, या अपने मां-बाप को? किसको धोखा दे रहा है! फिर उसका दोस्त बोला कि चल मेरे साथ! वह बोला कि कहां चलना है? दोस्त बोला: तू चल मेरे साथ!

फिर उसका दोस्त उसको वहां ले गया, जहां पर उसके पापा काम करते थे। उसके पापा एक फैक्ट्री में मजदूर थे, वह वहां पर बैठे हुए थे और पसीने में पूरा लतपत और वो पूरा थक गए थे। 

और उनके शरीर में पेन भी हो रहा था, उनके पास में उन्हीं की फैक्ट्री का एक मजदूर बैठा हुआ था। और वो उस मजदूर से कुछ कह रहे थे, वह कह रहे थे कि ” यार मेरी पत्नी घर पर बीमार है, और उसके इलाज के लिए पैसे भी नहीं है। “

मैं दिन रात मेहनत करके सिर्फ दो वक्त की रोटी जुटा पाता हूं, और उससे सिर्फ घर का खर्च चलता है, और कहीं पर पैसा बच ही नहीं पता। अभी तो बेटे की स्कूल की फीस भी भरनी है, यार इससे बेहतर तो मौत ही है। 

जिंदगी तो दुख का दूसरा नाम बन चुकी है, जिंदगी से अब में तंग आ चुका हूं, अब तो सिर्फ मेरा बेटा ही मेरी आखिरी उम्मीद है। और उसके पापा कह रहे थे कि देखना मेरा बेटा एक दिन इससे बड़ी फैक्ट्री का मालिक बनेगा। 

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वह लड़का और उसका दोस्त, वो दोनों उस चीज को देख रहे थे और पूरे गौर से सुन भी रहे थे। तभी उसके दोस्त ने कहा ” कि देख, देख कैसे जीते हैं तेरे पापा! तेरे पापा तुझसे कितनी उम्मीद लगाए बैठे हैं, देख जरा एक बार! “

लेकिन क्या तुझे लगता है, कि इस तरह से उनकी उम्मीदों पर खड़ा उतर पाएगा? एक बार अपने पापा की हालत देख, वह कैसे जीते हैं! और तू अपनी हालत को देख, तू कैसे जी रहा है।

वह दो कौड़ी का मोबाइल, क्या तेरे पापा से बढ़कर है? वो दो कौड़ी की लड़कियां, जो तेरी जिंदगी में कुछ वक्त के लिए आती है, और फिर चली जाती हैं, क्या ये तेरे पापा से बढ़कर हैं?

वह! दोस्त वह! अपने हालातो को बदल, अपने बाप की उम्मीदों को मत तोड़। 

यह सब देखकर और उसके दोस्त की बातें सुनकर, उसके खून के आंसू टपक पड़े। और उसने उसी वक्त ये तेय किया, कि जिस फैक्ट्री में मेरे पापा काम करते हैं, आने वाले 5 साल के अंदर अंदर, में इससे भी बड़ी फैक्ट्री खड़ा करके दिखाऊंगा। 

a boy's eyes with blood tears

और उसके अंदर से चिक उठी थी, कि मुझे कंपनी का मालिक बना है एक बहुत बड़ी कंपनी का मालिक बना है, लेकिन नौकर नहीं बना है। फिर वह अपने मकसद को हासिल करने के लिए दिन में 10-10 घंटे पढ़ने लगा, और उसके दिमाग में सिर्फ एक ही मकसद था, कि मुझे बहुत बड़ी कंपनी का मालिक बनना है। 

और उसके लिए मुझे क्या करना होगा, उसके लिए मुझे पढ़ना होगा और मैं पढ़ूंगा, कोई मई का लाल ऐसा नहीं है जो मुझे रोक सकता है पढ़ने से। और आखिरी के सिर्फ एक महीने में पड़कर पूरे स्टेट में टॉप कर कर दिखाया। सब लोग हैरान हो गए, कि यह कैसे हो गया!

सबके आंखें फटी की फटी रह गई, सब लोग दंग रह गए, कि ये पॉसिबल कैसे हो सकता है? फिर उसका इंटरव्यू हुआ और उसको पूछा गया, कि यह सब कैसे हासिल किया?

तब उसने कहा कि मुझे जिंदगी में कुछ नहीं चाहिए, मुझे तो सिर्फ अपने पापा के सपनों को पूरा करना है। मेरे पापा का सपना है, जिस फैक्ट्री में वह काम करते हैं, मैं उससे भी बड़ी फैक्ट्री का मालिक बनकर दिखाऊं। मैं इसी सपने को लेकर इतना पढ़ पाया और अपने पूरे स्टेट में टॉप कर पाया। 


दोस्तों! यह हो सकता है, कि आप इस कहानी की शुरुआती हिसे को अपने आप से रिलेट कर पाओ। इंडिया में मैक्सिमम लोग या तो मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं या फिर पुअर फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं। 

हर बच्चे को, पापा बहुत ही संघर्ष करके उसे पढ़ाते हैं। हो सकता है की आपके घर के हालात भी ऐसे हो! इस कहानी में उस लड़के ने रियलिटी को एक्सेप्ट किया और अपने हालातो को बदल दिया।

लेकिन क्या आप रियलिटी को एक्सेप्ट करते हो? क्या आप अपने सच को देख पाते हो? अपने हालातो को देख पाते हो? अपने आप को देख पाते हो? की आपको करना क्या था, और आप क्या कर रहे हैं। 

वह लड़का तो बहुत बड़ी कंपनी का मालिक भी बन गया, लेकिन क्या गारंटी है कि आप भी अपने पापा के सपने को पूरा कर पाओ! और इसकी क्या गारंटी है कि आप भी अपने हालातो को बदल पाओ। 

गारंटी है, गारंटी है मेरे दोस्त! जब आपके अंदर से एक चीख निकल कर आएगी, कि मुझे पढ़ना है और मुझे सिर्फ इसलिए पढ़ना है कि मैं अपने हालातो को बदल पाऊँ। और जिस दिन, जिस दिन आपके अंदर से आ गया न की मुझे पढ़ना है, और सिर्फ इसलिए पढ़ना है कि अपने हालातो को बदलना है, और अपने मम्मी-पापा के सारे सपनों को सच करना है। 

जिस दिन आपके अंदर से आवाज आ गई, उस दिन से तो यह चीज तेय है, कि आप अपने हालातो को बदल दोगे। अपने मां-बाप के सारे सपनों को सच कर दोगे, बस जरूरत है, तो एक अंदर से आवाज की।

दोस्तों बहाने तो हर कोई बनता है, बहाने बनाने से कुछ नहीं होगा, हर वह इंसान बनाता है, जो कायर होता है। 

हम कहते हैं न की मेरा मन नहीं लगता, मुझे आलस आ रहे हैं, मुझे मैथ्स मुश्किल लगते हैं, मुझे साइंस मुश्किल लगता है, मुझे वह मुश्किल लगता है मुझे यह मुश्किल लगता है। यह सब कुछ छोड़ो, कुछ भी मुश्किल नहीं है।

जरा जाके पूछो टॉपर से, की तुझे क्या मुश्किल लगता है? तो हमेशा, एक ही चीज सुनने मिलती है, कि ” पढ़ने वाले के लिए, कोई चीज मुश्किल नहीं होती, कोई टॉपिक मुश्किल नहीं होता, और कोई सब्जेक्ट मुश्किल नहीं होता। 

जिंदगी का भी यही वसूल है, करने वाला कुछ भी कर जाएगा। और जो न करने वाला है, वह छोटी सी मुसीबत आने पर, रुक जाएगा। बहाने बनाने में रिकॉर्ड नहीं तोड़ सकता। और उसको दिन भर आलस आते रहेंगे और उसके अंदर की वो चीख, कभी बाहर नहीं निकल पाएगी। 

दोस्तों! अगर आपको Student Motivational Story In Hindi, पसंद अय्या है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करो! और आप Inspirational Kahani In Hindi को भी पढ़ सकते हैं।

2. Motivational Story for Students in Hindi

Motivational Story for Students in Hindi

यह कहानी एक छात्रा के बारे में है, जिसका नाम नीला था। नीला एक गरीब परिवार से थी और उसके माता-पिता के पास धन की कमी थी। लेकिन नीला के मन में एक सपना था – एक अच्छी शिक्षा प्राप्त करना और डॉक्टर बनना।

नीला का मन छोटे से बचपन से ही अच्छी पढ़ाई में था, लेकिन वह अपने सपने को पूरा करने के लिए अकेली नहीं थी। वह एक दिन अपनी प्रिय शिक्षिका से अपनी चिंताओं को साझा करने गई।

नीला ने बताया, “मैं डॉक्टर बनना चाहती हूँ, लेकिन मेरे पास पैसे की कमी है और मेरे माता-पिता उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं कर सकते।”

शिक्षिका ने नीला को मनोहारी मुस्कान के साथ देखा और उसे प्रेरित करते हुए कहा, “नीला, तुम डॉक्टर बन सकती हो। अगर तुम्हारी इच्छा मजबूत है और तुम मेहनत करने को तैयार हो, तो कोई भी रुकावट तुम्हारे सपनों को नहीं रोक सकती।”

नीला ने शिक्षिका के वचनों को अपने दिल में समाया और निरंतर पढ़ाई करना शुरू की। वह घर के काम में मदद करती, स्कूल की उच्चतम ग्रेड में शामिल होने के लिए प्रयास करती और संगठनशीलता से अपनी पढ़ाई को संचालित करती थी।

अंततः, नीला ने अपने लक्ष्य को पूरा किया और एक प्रसिद्ध चिकित्सक के रूप में सम्मान प्राप्त किया। वह अब अपने गरीब परिवार की संघर्षों को समाप्त करने और समाज की सेवा करने का मार्ग चुन रही थी।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि धन की कमी, सामाजिक परिस्थितियाँ या किसी भी रुकावट ने आपके सपनों को नहीं रोक सकता। आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपकी मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास आवश्यक होते हैं। हमेशा याद रखें कि असंभव शब्द केवल एक सोच है, और जब आप संघर्ष करते हैं, तो विजय आपका ही होता है।

3. Motivational Story for Students in Hindi

Motivational story for students hindi

एक समय की बात है, भारत के एक छोटे से गाँव में रवि नाम का एक लड़का रहता था। रवि एक औसत छात्र था जिसके बड़े सपने और आकांक्षाएँ थीं। वह अपने माता-पिता को गौरवान्वित करना चाहता था और जीवन में महान चीजें हासिल करना चाहता था। हालाँकि, उन्होंने अक्सर खुद को आत्म-संदेह और प्रेरणा की कमी से जूझते हुए पाया।

एक दिन, रवि के शिक्षक श्री शर्मा ने उसकी उदास स्थिति को देखा और उसके साथ दिल से दिल की बातचीत करने का फैसला किया। श्री शर्मा ने एक कहानी साझा की जो रवि के दृष्टिकोण को हमेशा के लिए बदल देगी।

“रवि,” मिस्टर शर्मा ने शुरू किया, “मैं आपको अर्जुन नाम के एक युवक की कहानी सुनाता हूँ। अर्जुन एक असाधारण छात्र था, जिसने हर विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वह अपनी कक्षा में शीर्ष छात्र बनने और उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए दृढ़ था।

अपने लिए। हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतता गया, अर्जुन की प्रेरणा कम होने लगी। उन्हें अपनी क्षमताओं पर संदेह होने लगा और उनसे की गई अपेक्षाओं से अभिभूत महसूस करने लगे।

“अर्जुन के माता-पिता ने उनके संघर्षों पर ध्यान दिया और उन्हें पास के जंगल में रहने वाले एक बुद्धिमान बूढ़े संत से मिलने का फैसला किया। ऋषि की प्रतिष्ठा उन लोगों को बहुमूल्य मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करने के लिए थी जो इसे खोज रहे थे। अर्जुन को उम्मीद थी कि ऋषि सक्षम होंगे। सीखने के लिए अपने जुनून को फिर से जगाने के लिए।”

“जब अर्जुन ऋषि से मिले, तो उन्होंने अपने डर और शंकाओं को साझा करते हुए अपना दिल बहलाया। ऋषि ने ध्यान से सुना और फिर मुस्कुराए। उन्होंने कहा, ‘अर्जुन, मैं तुम्हारे संघर्षों को समझता हूं, लेकिन मुझे तुम्हारे साथ एक रहस्य साझा करने दो। सफलता का सही पैमाना सर्वश्रेष्ठ बनने में नहीं, बल्कि अपना सर्वश्रेष्ठ देने में है।'”

There is a banyan tree

“ऋषि ने आगे कहा, ‘हर किसी से बेहतर होने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, आप कल से बेहतर होने पर ध्यान केंद्रित करें। हर दिन, थोड़ा और बेहतर करने का प्रयास करें। सफलता एक मंजिल नहीं है, यह एक यात्रा है। यह लगातार चुनौतीपूर्ण है। अपने आप को और अपनी सीमाओं से परे धकेलना।'”

“अर्जुन ने ऋषि के शब्दों पर विचार किया और उनके पीछे की सच्चाई को महसूस किया। उस दिन से, उन्होंने अध्ययन के लिए अपना दृष्टिकोण बदल दिया। दूसरों से अपनी तुलना करने के बजाय, उन्होंने व्यक्तिगत विकास और सुधार पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपने लिए छोटे, प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित किए और रास्ते में हर मील का पत्थर मनाया।”

“धीरे-धीरे, अर्जुन ने अपनी प्रेरणा वापस पा ली और फिर से सीखने की प्रक्रिया का आनंद लेना शुरू कर दिया। उसके ग्रेड में सुधार हुआ, और उसने अपना आत्मविश्वास वापस पा लिया। अर्जुन को अब सर्वश्रेष्ठ होने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई, उसने बस खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने का लक्ष्य रखा। “

“रवि,” श्री शर्मा ने निष्कर्ष निकाला, “इस कहानी का नैतिक यह है कि सफलता को बाहरी उपलब्धियों या दूसरों से बेहतर होने से नहीं मापा जाता है। यह व्यक्तिगत विकास, दृढ़ता और अपनी असफलताओं से सीखने की इच्छा का परिणाम है।

अपने आप पर विश्वास करें, अपने लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें। याद रखें, आपके पास महान चीजों को पूरा करने की क्षमता है, लेकिन यह सब अपने आप में विश्वास करने से शुरू होता है।”

रवि ने आशा और दृढ़ संकल्प की एक नई भावना महसूस करते हुए, गौर से सुना। उस दिन के बाद से, उसने जो सबक सीखा था उसे अपना लिया और उसने जो कुछ भी किया उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कसम खाई। नई प्रेरणा के साथ, रवि ने आत्म-सुधार की यात्रा शुरू की और शिक्षा और जीवन दोनों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की।

और इसलिए, प्रिय छात्रों, आत्म-विश्वास और व्यक्तिगत विकास की शक्ति को कभी कम मत समझो। तुलना करना छोड़ दें और अपनी यात्रा पर ध्यान दें। सुधार की दिशा में उठाया गया आपका हर कदम आपको आपके सपनों के और करीब लाएगा। अपने आप पर विश्वास करें और अपना सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने का प्रयास करते रहें।

तो आपको ये “Motivational Story for Students in Hindi” कैसी लगी? कमेंट में जरूर बताना।

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