बेस्ट Emotional Story in Hindi में पढ़ने के बाद आपको मोटिवेशन के साथ-साथ बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।
दोस्तों आज जो मैं आपको कहानी सुनाने वाला हूं, आपकी आंखों में अगर आंसू नहीं आए तो फिर मुझे कहना। बस शर्त यह है कि आप इस कहानी को थोड़ा ध्यान से सुना और में जो बोल रहा हूं, उसको अपने माइंड में इमेजिन करना।
Emotional Story in Hindi
यह कहानी एक आदमी की जो की दिन-रात मेहनत करता था, अपने परिवार वालों को पालने के लिए, अपने परिवार वालों का पेट भरने के लिए। जो की हर आदमी करता है। लेकिन इसका जो बेटा था वह बिल्कुल ही आलसी और कामचोर था।
वह सारा दिन सिर्फ मौज-मस्ती करता रहता था, और अपने बाप की कमाई को खर्च करता रहता था। तो इस बात को लेकर वह आदमी बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा था।
लेकिन जब उसे लगने लगा कि अब पानी सर को ऊपर से जाने लगा है, तब उसने अपने बेटे को बुलाया और कहां ” कि अब तुम्हें काम करना पड़ेगा, तुम कुछ भी करो लेकिन शाम तक अगर पैसे कमा के नहीं लाये, तो तुम्हें घर में आने नहीं दिया जाएगा। “
अब लड़का तो था ही आलसी, वो अपनी मां के पास गया और सारी बातें बताने लगा। तो उसके मां ने अपने पास से उसको कुछ पैसा दे दिया और कहने लगी तुम अपने पापा को शाम में यह कहना की यह मेरी मेहनत की कमाई है।
शाम को जब वह आदमी घर आया, तो उसके बेटे ने उसके पास से सारे पैसे उसको दे दिए। वह आदमी को सब कुछ पता था, तो उसने अपने बेटे से क्या कहा? उसने यह कहा कि तुम इस पेज को कुएं में फेंक के आ जाओ।
उसके बेटे ने एक भी सवाल नहीं पूछा और सीधा जाकर उस पैसे को कुएं में फेंक कर आ गया। अगले दिन उस आदमी ने अपनी बीवी को उसके माँ घर भेज दिया, और अपने बेटे से कहने लगा कि मेरे बेटे तुझे आज और पैसे कमा कर लेकर आने हैं।
अब लड़का सीधा अपने बहन के पास गया, और अपनी बहन को सारी बातें बताने लगा। तो उसके बहन ने भी उसके हाथ में कुछ पैसे रखे और उसे कहने लगी के शाम को जब पापा घर आएंगे तो यह पैसे उन्हें दे देना और कहना यह मेरी मेहनत की कमाई है।
शाम को जब आदमी घर आया उसके बेटे ने फिर से अपने पास से जितने पैसे थे अपने बाप को दे दिया। उस आदमी ने फिर से वही बात कही कि ” इस पेज को जाकर कुएं में फेंक कर आओ। ” और इस बार भी उसके बेटे ने एक भी सवाल नहीं किया और सीधा जाकर कुएं में उन पैसों को फेंक कर आ गया।
अगले दिन उस आदमी ने अपनी बेटी को भी अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया, और फिर से अपने बेटे से कहने लगा की बेटा तुम्हें आज और पैसे कमा के लाने हैं। अब उस लड़के के पास कोई भी रास्ता नहीं था, अब उसे लड़के को कोई भी पैसा देने वाला नहीं था।
तो वह लड़का मरता, क्या ना करता। रात को तो घर जाना ही है, इसलिए वह सारा दिन काम ढूंढने लगा। बड़ी देर के बाद उसे एक जगह काम मिल गया। एक ट्रक से भारी सामान उठाकर, उस भारी सामान को दुकान में रखने का काम।
सारा दिन बहुत मेहनत के बाद उसे अपनी मेहनत की कमाई मिली। वह बहुत खुश हो गया और खुशी-खुशी अपने घर गया, लेकिन फिर से उस आदमी ने अपने बेटे से कहा कि पैसों को कुएं में फेंक दे!
उसका बेटा गुस्सा हो गया और कहने लगा कि ” पापा यह मेरे पूरे दिन के मेहनत की कमाई है, मैं इसे कैसे कुएं में फेंक दूं? ” वह आदमी मुस्कुरा कर कहने लगा कि ” मैं तुम्हारी एक दिन की कमाई को मैं कुएं में देने की बात कही और तुम गुस्सा हो गए। तो सोचो, जब तुम मेरी मेहनत की कमाई को गवाते थे तो मुझे कैसा लगता होगा! “
दोस्तों बाप से अच्छी कोई दौलत नहीं है पूरी इस दुनिया में! उस इंसान ने आपके सपने को पूरा करने के लिए अपने सपने को खत्म कर दिया।
जब भी जिंदगी में फिजूल खर्च करोगे तो उसे इंसान के बारे में जरूर सोचना। क्योंकि वह इन पैसों के लिए दिन रात मेहनत करता है, सिर्फ आपके सपने पूरे करने के लिए।
और बाप के कमाने या ना कमाने से कोई फर्क नहीं पड़ता, बाप का होना ही आपके लिए सबसे बड़ी ताकत होती है। मैं आप से एक बात कहना चाहता हूं, कि जिंदगी में कोई ऐसा काम न करना, कि उनका सर आपकी वजह से शर्म से झुक जाए।
ऐसा काम करो उनेह आप पर गर्व हो कि आप उनकी औलाद हो। एक छोटा सा शेर कह के इस कहानी को खत्म करता हूं :-
" एक रोज तुम्हें एहसास जरूर होगा कि मसरूफ तुम थे और उम्र दराज वो होगा, एक रोज तुम्हें एहसास जरूर होगा कि मसरूफ तुम थे और उम्र दराज वह होगा, जिसकी उंगली का सहारा पकड़ कर चला करते थे आज वही छड़ी का तलबगार होगा। "
और जिसके सदके में जी रहे हो आज, वह ना रहा तो क्या होगा? पर अभी भी वक्त बचा है कुछ खास तुम्हारे पास, कब तक? जब अब तक के बाप का साया तुम्हारे साथ होगा, और जन्नत के तलबगार हो तो सीने से लगा लेना, क्योंकि वही कल जन्नत का दरवाजा होगा। ""
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