इस Inspirational Short Story In Hindi में एक जहाज़ समंदर में ख़राब हो जाता है और लोगों की भीड़ लग जाती है लाइफ बॉट्स के लिए! आगे क्या होता है?
Inspirational Short Story In Hindi
एक बार एक प्रोफेसर अपनी क्लास में स्टूडेंट्स को एक कहानी सुना रहे थे। तो वो कहानी इस तरह की थी, कि एक समुद्र में बड़ा जहाज जा रहा था और बहुत सारी यात्री उस पर सवार भी थे।
अचानक से एक एक्सीडेंट होता, एक दुर्घटना होती है और जहाज खराब हो जाता है। जहाज का कैप्टन ये अनाउंस करता है ” कि सारे यात्रियों को फटाफट से ये जहाज़ खाली करना होगा! क्योंकि यह डूबने वाला है। “
फिर लाइफ बोट जो है उस पर सवार होने के लिए लोगों की भीड़ लग जाती है! हर एक चाहता है कि मुझे पहले सवार होने का मौका मिल जाए। लगभग सारे यात्री सैफली किनारे तक पहुंच भी जाते हैं।
रेस्क्यू टीम्स भी आती है। लेकिन एक आखिरी वक़्त आता है, जब जहाज बस डूबने वाला होता है। सिर्फ एक ही लाइफ वोट बच्ची होती है, लेकिन जहाज पर दो लोग थे। एक शादीशुदा जोड़ा था, जो जहाज पर ही रह गया था।
उन दोनों में से जो पति होता है, वह अपनी बीवी को जोर से धक्का देता है जहाज की तरफ। और खुद कूद कर लाइव वोट पर बैठ जाता है। और किनारी की तरफ जब जा रहा होता है, जब जहाज डूब रहा होता है जिस पर वह पत्नी खड़ी होती है।
वह चिल्लाती और कहती है अपने पति से कुछ! तो प्रोफ़ेसर ने अपनी कहानी बीच में रोक करके बच्चों से पूछा कि ” क्या लगता है, क्या कहा होगा? ” मोस्टली ने जवाब दिया कि ” सर उसकी पत्नी ने कहां होगा ( आई हेट यू! मैं तुमसे नफरत करती हूं! मेने इतना प्यार किया, लेकिन तुमने धोखा दिया! ) ये सब कहा होगा सर।
हो सकता है कहां हो कि ” तुम बड़े सेल्फिश हो, मतलबी निकले हुए हो। ” एक बच्चा चुपचाप होकर बैठा था, तो उसको प्रोफेसर ने पूछा कि “आप बताओ! क्या कहा होगा उस पत्नी ने अपने पति को? “
उस बच्चे ने कहा की ” हो सकता है पत्नी ने अपने पति से कहा हो, कि हमारी बच्चों का ख्याल रखना! ” प्रोफेसर चौंक गए! और कहा सही जवाब है। लेकिन तुम्हें कैसे पता! तुमने कहानी सुन रखी थी क्या? ”
लड़के ने कहा ” नहीं सर मेने कहानी नहीं सुनी रखी थी! मेरी बीमार मां भी जब अपने जीवन के आखिरी साँस ले रही थी, तो मेरे पिता से एहि कहा था ( कि हमारे बच्चे का ख्याल रखना! ) प्रोफेसर दुखी हुए। फिर उन्होंने कहा कि ” आपकी बात सही है, उस पत्नी ने अपने पति से यही कहा था, की हमारे बच्चो का ख्याल रखना।
उन्होंने कहानी आगे बढ़ाई, उन्होंने कहा कि उस जहाज़ पर जो महिला बची थी, वह जहाज बस डूब गया और महिला की मौत हो गई। उस पत्नी का जो पति था वो किनारे पर आ गया। घर पोहंचा, उनकी बेटी थी। उस छोटी बच्ची का लालन-पालन किया।
उसे पढ़ाया-लिखाया और उसका शादी करवाया। और वक़्त का सर्किल है! फिर उस आदमी की भी जान चली गयी, उसकी भी मौत हो गई। जो बेटी थी, वह एक दिन अपने घर पर मायके में आई हुई थी और घर की साफ-सफाई कर रही थी और सामान सारा देख रही थी।
उसको अलमारी में एक डायरी मिलती है, जो कि उसके पिता की थी। और उस डायरी के आखिरी पेज पर लिखा हुआ था " कि मुझे क्षमा करना! मैं उस समय समंदर में तुम्हारे साथ समाना चाहता था। लेकिन चाह करके भी ऐसा नहीं कर सका, मुझे कठोर फैसला लेना पड़ा। हमारी संतान को पालना-पोषण जरुरी था, इसलिए मैंने तुम्हें वहीं छोड़कर के खुद की जान बचाना मुनासिब समझा। "
“मुझे मालूम था कि तुम बीमारी से ग्रस्त हो, कुछ दिनों में वैसे भी तुम यह दुनिया छोड़कर जाने वाली थी। ऐसे में मुझे यह कठोर फैसला लेना पड़ा। वरना मेरा यकीन मानो! मैं तुम्हारे साथ समंदर में उस पल समा जाना चाहता था। तुम्हारे बिना मेरे ज़िन्दगी का कोई मतलब नहीं है। “
वो बच्ची जब ये पढ़ रही थी, तो रोती चली जा रही थी। कहीं-ना-कहीं उसके मन में ये चलता था कि ” पिता ने मां को वहां अकेले क्योँ छोड़ दिया। ” लेकिन उसे दिन उसे समझ में आया की पिता ने ऐसा फैसला क्यों किया था।
इस जीवन में बहुत सारी बातें, सही-गलत से ऊपर है। बहुत सारी बातें बहुत कंपलेक्स होते हैं, बहुत जटिल होती है। जिन्हें समझ पाना बड़ा मुश्किल होता है हमारे लिए। और हम में से काफी लोग बस तुरंत रिएक्ट कर देते हैं, बात बोल देते हैं।
सोचते नहीं, विचार नहीं करते, इम्मीडिएटली रिएक्शन देते हैं। आप ऐसे करते रहेंगे, तो लोगों को खोते रहेंगे। प्रतिक्रिया देना बंद कीजिए, लोगों को जज करना बंद कीजिए! लोगों से प्यार करना, मोहब्बत करना शुरू कीजिए।
एक बुजुर्ग ने कहा था कि मुझे चुप रहने पर कभी अफसोस नहीं हुआ, हमेशा बोलने पर अफ़सोस हुआ है!
इसीलिए हमको हमेशा सोच समझ कर ही रिएक्ट करना चाहिए और बोलना चाहिए। तो आपको यह Inspirational Short Story In Hindi कैसी लगी? मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए!